विश्व के पांच सबसे आधुनिक लड़ाकू विमान !
1) सुखोई-35. कीमत 636 करोड़. निर्माता रूस.
2) डॉसौल्ट राफ़ेल. कीमत 694 करोड़. निर्माता फ्रांस.
3) F-35. कीमत 860 करोड़. निर्माता अमेरिका.
4) यूरो फाइटर टाइफून. कीमत 673 करोड़. निर्माता ब्रिटेन इटली जर्मनी और स्पेन.
5) लॉकहीड मार्टिन. कीमत 700 करोड़. निर्माता अमेरिका.
विश्व बाजार में यह तय कीमत है. कोई भी देश मोल भाव कर इस तय कीमत से कम में कोई भी लड़ाकू विमान खरीद सकता है. मान लेते इजिप्ट को राफ़ेल खरीदना है, इसकी तय कीमत 694 करोड़ है. विमान के संख्या के ऊपर मोल भाव कर 650 या 600 करोड़ में भी राफ़ेल को खरीद सकता है !
विश्व में सबसे महंगा लड़ाकू विमान फ्रांस का राफ़ेल नही अमेरिका का F-35 है जिसकी बाजार में कीमत 860 करोड़ है.
जैसे भारत की यूपीए सरकार ने 126 राफ़ेल का सौदा 42,000 करोड़ में किया था, यानी एक लड़ाकू विमान 570 करोड़ में पड़ा. सौदे में टेक्नोलॉजी ट्रांसफर की शर्त रखी गई थी जहाज बेड़े का बड़ा हिस्सा भारत सरकार की कंपनी H.A.L, डॉसौल्ट से मिलकर निर्माण करने वाली थी !
NDA सरकार ने राफ़ेल का कॉन्ट्रैक्ट अनिल अंबानी के लिए बदल दिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद फ्रांस जाकर राफ़ेल के कॉन्ट्रैक्ट में पलट दिया था. 570 की एक राफ़ेल को मोदी ने 1670 करोड़ कर दिया. जहां 42,000 करोड़ में 126 राफ़ेल खरीदना था, अब 60,000 करोड़ में सिर्फ 36 राफ़ेल खरीदने का कांट्रेक्ट पीएम मोदी ने साइन किया !
सरकारी कंपनी H.A.L को कॉन्ट्रैक्ट से बाहर कर अनिल अंबानी की नई कंपनी रिलायंस डिफेन्स लिमिटेड शामिल कर लिया गया. अभी तक रिलायंस डिफेन्स को पटाखे बनाने का अनुभव नही है और इस कंपनी को मोदी ने राफ़ेल बनाने का ठेका दे दिया !
यूपीए कॉन्ट्रैक्ट को अगर बदला नही गया होता तो आज 5 नही 18 राफ़ेल 2019 में भारत आ चुके होतें !
अनिल अंबानी असफल उद्योगपति है. उसके सर पर 40,000 करोड़ का NPA है. ऐसे आदमी को नरेंद्र मोदी ने राफ़ेल का ठेका देकर 39,600 का लाभ पहुंचाया !
मूल कीमत बढ़ी हुई कीमत कीमत में अंतर
570 cr 1670 cr 1100 cr
1100 × 36 = 39,600 cr. यह पैसा हमारे टैक्स का है जो मोदी जी ने अनिल अंबानी की जेब में डाल दिया !
Comments
Post a Comment