Women who don't know about how they get their rights.
विश्व में सबसे स्वार्थी महिला कहीं पायी जाती है तो वो है भारत। 99% महिलाएं भीमराव आंबेडकर का नाम नही लेंगी। जिनके प्रयासों के चलते 1942 में कामकाजी महिलाओं को मातृत्व अवकाश (maternity leave) का अधिकार मिला। आर्टिकल 14 में लिंगभेद खत्म कर दिया।🔵 कानून मंत्री रहते हुए हिन्दू कोड बिल लाकर भारतीय महिलाओं को सदियों की गुलामी से मुक्त किया और नेहरू द्वारा उस बिल को पास नहीं करने के कारण इस्तीफा तक दे दिया।
🔵 डॉ. आंबेडकर, जो मानते थे कि किसी भी देश के विकास का आधार उस देश की महिलाओं की
सामाजिक स्थिति पर निर्भर करता है।
🔵 सावित्री बाई फुले का नाम नही लेतीं जिन्होंने सन् 1850 समय में कंकड़, पत्थर, कीचड़ की मार सहकर
भी सभी वर्ण की महिलाओं व लड़कियों के लिए स्कूल खोला और पढ़ाया और रूढ़िवादियों का संघर्ष
भी सहा।
🔵 , लॉर्ड विलियम बैंटिक का नाम नहीं लेंगी!
जिन्होंने 1829 में सती प्रथा पर प्रतिबन्ध लगाया।
ज्योतिराव फूले नाम नही लेंगी जिन्होंने विधवा विवाह के लिए संघर्ष किया। लेकिन भारत की महीला को इन महान पूरुषों का
नाम तक नहीं पता।
🔵भारतीय महिलाओं को करवा चौथ, व्रत और देवी देवता का नाम बड़ी आसानी से आता होगा।लेकिन उन महापुरुषों का नहीं जिन्होंने उनके हक दिलाने के लिए संघर्ष किया और हक दिलाया!!Bharat Nagvanshi
Bvn@@@@
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Sahi hai. Mahilaon Ko Bhim Rao Ambedkar ka Rini hona chahiye
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